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LOVE STORY

 टाइटल: प्यार की दास्तान चरित्र: रिया - एक सुंदर और स्मार्ट लड़की कार्तिक - एक अमीर और हैंडसम लड़का सीन 1: रिया कॉलेज में पढ़ती है। वह कार्तिक से मिलती है और दोनों में प्यार हो जाता है। रिया: (कार्तिक से) मैं तुम्से प्यार करती हूँ। कार्तिक: (रिया से) मैं भी तुम्से प्यार करता हूँ। सीन 2: रिया और कार्तिक की प्रेम कहानी चलती है। लेकिन कार्तिक के पिता उनके रिश्ते के खिलाफ हैं। कार्तिक के पिता: (कार्तिक से) तुम रिया से शादी नहीं कर सकते। वह हमारे स्टेटस के लिए ठीक नहीं है। कार्तिक: (अपने पिता से) मैं रिया से प्यार करता हूँ और मैं उसे छोड़ नहीं सकता। सीन 3: रिया और कार्तिक की लड़ाई होती है। लेकिन अंत में वे दोनों मिल जाते हैं। रिया: (कार्तिक से) मैं तुम्से प्यार करती हूँ और मैं तुम्हारे साथ रहना चाहती हूँ। कार्तिक: (रिया से) मैं भी तुम्से प्यार करता हूँ और मैं तुम्हारे साथ रहना चाहता हूँ। अंत: रिया और कार्तिक की प्रेम कहानी सफल होती है।

भाभी की कहानी

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 हॉट हॉट भाभी की कहानी सुनकर जाइए देखकर चाहिए सब पिक्चर की जाए चलिए शुरू करते हैं एक हॉट भाभी हमारे पड़ोस में रहती थी इतनी हॉट से पूछे मटन की मैं 32 36 36 सब कुश्ती और हम उनके पीछे पागल थे एक दिन मार्केट जा रहे थे तूने मुझे कहा  कंडोम लेते आना हम कंट्रोल में किए गए उनके रूम में वह भी वैसे बैठी थी बिना कपड़ों के और हम उन्हें कंडोम दे कर चले हैं और रात को मुझे बुलाए अपने पास और बोलने आज तुम ही सो जाओ कल चले जाना मैं वहां पर रात को सोने से डर लगता था लेकिन तभी मैं मैं वहां से चला गया मुझे बुलाते रह गई और आगे कहानी पढ़नी है तो भाई 1 मिनट पार्क में लिए और हमारा जो कॉपी करता है ब्लॉक को सब कुछ कॉपी करता है उनके लिए बहुत बुरी खबर भाई मैं कॉपीराइट स्ट्राइक मारूंगा भाई ध्यान से सभी लोग

SET KAR DIYA

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युवा मौसी कोहॉट मौसी की जवानी देखकर मेरा लंड चूत मांगने लगा. मैं मौसी के जिस्म को घूरने लगा. उन्हें भी मेरी वासना भरी नजर का आभास हो गया. वे अपने वक्ष को ढकने लगी.दोस्तो, मैं रोहित 22 साल का बिंदास लौंडा हूं. मेरा हथियार 6 इंच लंबा है जो किसी भी चूत में गदर मचाने के लिए काफी मस्त और असरदार है. मुझे अक्सर गदराई हुई मस्त औरतें बहुत ज्यादा पसंद आती हैं. ऐसी बिंदास औरतों को देखकर मेरा लंड फनफना उठता है. अभी कुछ दिनों पहले ही मेरी कल्पना मौसी हमारे घर आई थीं. उनके साथ मौसी के बच्चे भी थे, जो 5 व 7 साल के थे. मौसी को देखते ही मेरा लंड ठनक उठा. आज मैं मौसी को दो साल बाद देख रहा था. मौसी के गोरे चिकने जिस्म, बड़े बड़े बोबे और फूली हुई मस्त गांड को देखकर मेरा लंड खड़ा हो गया. मौसी अन्दर आईं और मैंने स्माइल देकर मौसी का स्वागत किया. कुछ देर बात करने के बाद मौसी आराम करने चली गईं. कल्पना मौसी लगभग 34 साल की हैं. उनका पूरा जिस्म भरा भरा सा है. मौसी कातिलाना जिस्म की मालकिन हैं. उनके बड़े बड़े दूध और फूली हुई गांड हर किसी को भी लंड मसलने पर मजबूर कर सकती है. मौसी के बोबे लगभग 34 साइज के हैं. वो हमेशा अप
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     ‌ श दी की तैयारियां जोरों पर थी। पकवानों की खुशबू से सारा पंडाल महक रहा था। छोटे-छोटे बच्चे डीजे की धुन पर उछल रहे थे। टीन-एजर्स लड़के भाग-भाग कर मेहमानों की आवभगत में लगे हुए थे। शेखर अपने दोस्तों के साथ क्रिकेट के विषय वाद-विवाद करने में मशगूल था। तभी उसकी नजर उस लड़की पर पड़ी। सांवली-सलोनी मासूम सुरत पर मोतियों जैसे सफ़ेद दांत उसकी खूबसूरती को चार चांद लगा रहे थे। उस पर समंदर जितनी गहरी नशीली आंखें उसे डुबोने को तैयार थी। वह चाह कर भी उस लड़की से नजरें नहीं हटा पा रहा था। इन सभी बातों से बेखबर वह लड़की अपनी सहेलियों से बातें करने में व्यस्त थी। तभी शायद उसे अपने चेहरे पर किसी के नजरों की गर्मी का एहसास हुआ। बात करते-करते उसने इधर-उधर नजर घुमाई तो देखा कि एक लड़का उसे प्यार से घूरे जा रहा है। लड़कियों को घूमने वाले लड़कों से उसे सख्त नफरत थी। उसनेे घबरा कर तुरंत अपनी नजर दूसरी तरफ हटा ली और अपनी सहेलियों के साथ बात करने में लग गई। कुछ देर बाद जब उसकी नजर उस लड़के पर पड़ी तो उसने देखा कि वह अभी भी उसकी तरफ ही नजरे जमाए हुए था। अब वहां बैठना उसके लिए मुश्किल हो रहा था। इसलिए वह वह

चाची के साथ सफाई 🤣🤣🤣

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मैं: चाची आप मेरी मां जैसी हो। और आप भी मुझे बेटा मानती हो, है ना? चाची: हां बेटा। तुम मेरे प्यारे बेटे हो। मैं: चाची, मैं चाहता हूं कि आज हमारा नया रिश्ता मां बेटे के नाम से ही बने। चाची: मतलब? मैं समझी नहीं। मैं: मतलब ये, कि अभी और जब भी हम चुदाई करेंगे, मैं आपको मां कह कर बुलाऊंगा, और आप मुझे बेटा। ना मैं आपको चाची बोलूंगा और ना आप मेरा नाम लेंगी। लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि मैं सच में अपनी मां के साथ ये करना चाहता हूं। मैं सिर्फ इमेजिन करना चाहता हूं, कि जो लोग ऐसा काम करते है( अपनी मां को चोदने का) उन्हें कैसा फील होता होगा।### चाची: अच्छा ठीक है मेरे बेटे। तुम मुझे इतनी खुशी इतना सुख दे रहे हो, तो तुम्हारे लिए मेरी चूत, मेरी गांड, मेरी जान अब हाजिर है। अब देर मत करो अब चोद दो बेटा####। मैं तुम्हारा लंड पकड़ती हूं। मैंने चाची के होठ को जोर से चूमा और चाची ने लंड पकड़ कर अपनी चूत में रगड़ना शुरू कर दिया। मैं: चाची रुकिए। चाची: अब क्या हुआ? अब क्यों रोक रहे हो? मैं: चाची कंडोम? चाची: क्या करना है कंडोम का? ₹₹₹मैं तुम्हारे औजार को अपने अंदर रगड़ते हुए महसूस करना चाहती हूं। मैं: अरे
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 कहानियां जरिया हैं, बच्चों को अच्छे संस्कार देने का। उन्हें बेहतर इंसान बनाने का। संभवत: यही कारण है कि आप और हम, सभी दादी-नानी से राजाओं की, परियों की, पशु-पक्षियों की और जिन्न आदि की कहा🦁नियां सुन-सुन कर बड़े हुए हैं। शायद यह उन कहानियों का जादू ही था, जो हमें एक अनोखी दुनिया में ले जाता था और कहानी के अंत में, जो सीख मिलती थी, 😭💏वो आज भी आपके और हमारे 😘 जहन में ताजा है। बेशक, अब जमाना बदल गया है, लेकिन अपने बचपन में सुनी कहानियां आज भी पूरी तरह से तार्किक हैं। हां, इन कहानियों को सुनाने और बताने का जरिया जरूर बदल गया है। किताबों😄 के रास्ते अपना सफर तय करती हुईं ये कहानियां इंटरनेट पर भी अपना जादू बिखेर रही हैं। यही कारण है कि मॉमजंक्शन आपके बच्चों के लिए ऐसी तमाम कि😄स्से-कहानियों को एक मंच पर लेकर 💪💸आया है। यहां आपको पंचतंत्र से लेकर रहस्यमय दुनिया की सैर कराने वाली बच्चों की अच्छी-अच्छी कहानियां पढ़ने को मिलेंगी। इन कहानियों के जरिए आप न सिर्फ अपने बच्चों का मनोरंजन कर सकेंगे, बल्कि आपके बचपन की यादें भी फिर से ताजा हो जाएंगी। साथ ही ये कहानियां बच्चों के लिए हिंदी में हों
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  बात उन दिनों की है, जब मेरे बीटैक के फाइनल सैमैस्टर का इम्तिहान होने वाला था और मैं इसी की तैयारी में मसरूफ था. अपनी सुविधा और आजादी के लिए होस्टल में रहने के बजाय मैं ने शहर में एक कमरा किराए पर ले कर रहने का फैसला किया था. शहर में अकेला रहना बोरिंग हो सकता है. यही सोच कर मैं ने अपने साथी रंजीत को अपना रूममेट बना लिया था. फाइनल सैमैस्टर का इम्तिहान सिर पर था, इसलिए मैं इसी में बिजी रहता था, पर रंजीत को इस की कोई परवाह नहीं थी. वह पिछले हफ्ते अपने घर से आया था और अब उसे फिर वहां जाने की धुन सवार हो गई थी. जब रंजीत अपने घर जाने के लिए निकल गया, तो मैं भी अपनी पढ़ाई में मस्त हो गया. और जानने के लिए हमे फॉलो करे  धन्यवाद  अभी आधा घंटा भी नहीं बीता होगा कि रंजीत लौट कर मुझ से बोला, ‘‘भाई, यह बता कि अगर किसी को मदद की जरूरत हो, तो उस की मदद करनी चाहिए या नहीं?’’ रंजीत और मदद... मुझे हैरत हो रही थी, क्योंकि किसी की मदद करना उ स के स्वभाव के बिलकुल उलट था, पर पहली बार उस के मुंह से मदद शब्द सुन कर अच्छा लगा. मैं ने कहा, ‘‘बिलकुल. इनसान ही इनसान के काम आता है. जरूरतमंद की मदद करने से बेहतर औ